Here is a poem me and my wife, Natasha, wrote for our little one.
हाथी की मस्तानी चाल
हाथी की मस्तानी चाल,
मोटा पेट और मोटी खाल,
लम्बे लम्बे कान हिलाता,
सूंड में लेके गन्ना खाता.
बन्दर खी खी करता है,
पेड़ के ऊपर चड़ता है,
केला खाना उसको भाता,
नकलची बन्दर वह कहलाता.
जिराफ यहाँ सबसे लम्बा,
गर्दन है जैसे खम्बा,
ऊँचे ऊँचे पत्ते खाता,
अफ्रीका में पाया जाता
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